गुरुवार, 19 जनवरी 2017

आओ प्यार की श्रृंखला बनायें

आओ प्यार की श्रृंखला बनायें

कहीं कुछ भी नहीं है जान लो भाईयों
जीना है मुकद्दर यह मान लो भाईयों

खाली हाथ आये थे और जाना भी है
बची है बीच की दूरी मान लो भाईयों

एकता की बात सुनते आ रहे
यही एक कथन सुनते आ रहे

किस तरह खुशहाल हो अपना वतन
युग-युग से यही सुनते आ रहे

आओ प्यार की श्रृंखला बनायें
प्यार को जियें और प्यार को अपनायें

प्यार में पल-पल संजोना जान लें 'नसीर'
संवरती रहे सबकी ज़िन्दगी यही करके दिखायें

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